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रानीखेत: एक सुकून भरा पहाड़ी सफर

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रानीखेत: एक सुकून भरा पहाड़ी सफर, दिल्ली से 130 किमी दूर उत्तराखंड की सुंदर वादियों में बसा रानीखेत एक हिल स्टेशन है।  प्रकृति प्रेमी जो सुकून की खोज कर रहे हैं ये जगह उनके लिए है। इस छोटे से शहर में  देवदार और ताड़ के पेड़ों से ढके पहाड़,  कई मशहूर मंदिर, सेब के बगीचे और झील आदि घूम सकते हैं। सर्दियां मैं बर्फ का लुफ्त उठा सकते हो |

घूमने का सही समय

रानीखेत एक ऐसा हिल स्टेशन है जहाँ साल भर जाया जा सकता है, हर मौसम का यहाँ अपना अलग अनुभव है| मार्च से जून जब शहरो  में गर्मी का प्रकोप रहता है तो इस समय रानीखेत का मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। जुलाई से सितंबर  ठंडी हवाएं, रिमझिम बारिश, बादलों से ढकी वादियाँ देखने को मिलेगी| लेकिन इस समय बारिश की वजह से भूस्खलन की संभावना हो सकती है|अक्टूबर से फरवरी ठंडी-ठंडी हवा और बर्फ की चादर में लिपटी वादियाँ मिलेगी|  शांत माहौल के लिए सर्दियों का मौसम बेहतर है।

कैसे पहुंचे

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित एक सुंदर और शांत हिल स्टेशन है। रानीखेत दिल्ली से लगभग 380 किलोमीटर और नैनीताल से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से रानीखेत पहुंचने के लिए दिल्ली से सीधी बस चलती है।  रेल मार्ग से रानीखेत पहुचने के लिये सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। दिल्ली से काठगोदाम सीधी ट्रेन चलती है|  काठगोदाम से रानीखेत की दूरी लगभग 75 किमी है। यहाँ से टैक्सी या बस ले सकते हैं। रानीखेत से नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर हवाई अड्डा हैं। पंतनगर हवाई अड्डा से रानीखेत की दूरी लगभग 110 किमी है। पंतनगर एयरपोर्ट से रानीखेत के लिए टैक्सी या कैब ले सकते हैं।

रानीखेत का इतिहास

रानीखेत, जिसका अर्थ है रानी का घास का मैदान। कत्यूरी शासक राजा सुधारदेव की रानी, ​​रानी पद्मिनी को एक बार इस स्थान पर लाया गया। उन्हें यह जगह इतनी सुंदर और शांतिपूर्ण लगी कि उन्होंने यहाँ बसने की इच्छा जताई।रानी के कहने पर राजा ने यहाँ एक महल बनवाया और यह इलाका “रानी का खेत” कहलाया, जो आगे चलकर “रानीखेत” के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज यहाँ उस महल के कोई अवशेष नहीं मिलते है।

रानीखेत में घूमने की जगह

रानी झील

रानी झील एक मानव निर्मित झील है। ये रानीखेत मुख्य बाजार से 3 किमी दूर है। इस झील का निर्माण छावनी बोर्ड ने बारिश के पानी को बचाने के लिए करवाया था लेकिन आज ये बोटिंग के लिए पर्यटकों का मुख्य आकर्षण बन चुका है| 

झूला देवी मंदिर

झूला देवी मंदिर 700 साल पुराना है| इस मंदिर में माता एक झूले में बैठी है इसलिए इस मंदिर का नाम झूला देवी मंदिर है।  यह मंदिर रानीखेत से 7 किमी की दूरी पर स्थित है।  इस मंदिर में बहुत सारी घंटियाँ स्थित हैं मान्यता है कि मनोकामना पूरी होने पर घंटी बांधते है| मंदिर की देखरेख अधिकतर  कुमाऊं रेजीमेंट द्वारा की जाती है। 

मनकामेश्वर मंदिर 

मनकामेश्वर मंदिर रानीखेत में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है । रानीखेत बस स्टैंड से मंदिर की दूरी 1 किमी है। मंदिर रानीखेत के नरसिंह मैदान के बगल में स्थित है। कुमाऊं रेजिमेंट केंद्र द्वारा  वर्ष 1978 में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। मंदिर की देख-रेख कुमाऊं रेजीमेंट द्वारा किया जाता है| देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ मंदिर में भगवान शिव, माता कालिका और राधा कृष्ण की मूर्ति स्थापित की गई है। मनकामेश्वर मंदिर रानीखेत के प्रमुख धार्मिक आकर्षण केंद्रों में से एक है।

बिनसर मंदिर 

रानीखेत से लगभाग 3 किमी की दूरी पर बिनसर महादेव मंदिर स्थित है। बिनसर मंदिर देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ स्वयंभू शिवलिंग है| इस मंदिर में 1970 से अखंड ज्योत जल रही है| 

कटारमल सूर्य मंदिर

कटारमल सूर्य मंदिर भारत का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर है। पहला सबसे बड़ा मंदिर ओडिशा का कोणार्क का सूर्य मंदिर है। रानीखेत से लगभाग 32 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में कत्यूरी शासक कटारमल देव के द्वारा किया गया था | भगवान बड़ आदित्य की मूर्ति बड़ के पेड़ की लकड़ी से बनी है| इस मंदिर में साल में दो बार सूर्य की किरणें भगवान की मूर्ति पर पड़ती है| 22 अक्टूबर और 22 फरवरी को सुबह के समय देखने को मिलता है|

द्वाराहाट 

रानीखेत: एक सुकून भरा पहाड़ी सफर

द्वाराहाट रानीखेत से लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित है| द्वाराहाट का अर्थ है “स्वर्ग का रास्ता”। द्वारहाट 11वीं सदी के प्राचीन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ चारो और  सैकड़ों  मंदिर है। द्वाराहाट में मां दूनागिरी, विभांडेश्वर, मृत्युंजय और गूजरदेव का मन्दिर महत्त्वपूर्ण है। 

चौबटिया बाग

चौबटिया बाग रानीखेत से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चौबटिया का अर्थ चार रास्तों का एक सामान्य मिलन बिंदु है|  चौबटिया बाग सेब,  आड़ू , बेर और खुबानी के बागो के लिए प्रसिद्ध है।  चौबटिया बाग से  नंदा देवी, नीलकंठ, नंदाघुंटी और त्रिशूल की पर्वत की चोटियां दिखाई पड़ती है। यहां से जूस, शहद और फल खरीदे जा सकते है|

उपत गोल्फ कोर्स

उपत गोल्फ कोर्स जिसे रानीखेत गोल्फ कोर्स भी कहा जाता है। रानीखेत मुख्य बाजार से लगभाग 6 किमी दूर घिंघारी खाल के पास स्थित है। 9-होल कोर्स वाला ये गोल्फ कोर्स एशिया के सबसे ऊंचे गोल्फ कोर्स में से एक है| 

भालू बांध

भालू बांध रानीखेत से 11 किमी दूर स्थित एक कृत्रिम झील है। सैनिकों की प्यास बुझाने के लिए इस बांध का निर्माण 1903 में तत्कालीन वायसराय द्वारा कराया गया था। यहाँ पर कैम्पिंग भी कर सकते हैं, परिवार और दोस्तों के साथ ये एक अच्छा पिकनिक स्पॉट है। यहां से बर्फ़ से ढकी चोटियों का नज़र देख सकते हैं।

रानीखेत एक ऐसा हिल स्टेशन है जहाँ हर यात्री को कुछ खास मिलता है — चाहे वो शांति की तलाश में हो, प्रकृति से प्रेम करता हो, इतिहास में रुचि रखता हो, या रोमांच से भरपूर यात्रा करना चाहता हो। अगर आप भी भागती-दौड़ती ज़िंदगी से कुछ पल सुकून के पाना चाहते हैं, तो रानीखेत आपका अगला पड़ाव हो सकता है। यह वो जगह है जहाँ मन शांत होता है|

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Comment (1)

  • June 5, 2025

    फूलों की घाटी - जहां हर 15 दिन में घाटी बदलती है रंग - Blog

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