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कोसानी – भारत का स्विट्जरलैंड

Kosani- Bharat ka switzerland
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दिल्ली से 410 किमी की दूरी पर एक खूबसूरत हिल स्टेशन जिसे गांधी जी ने “कोसानी – भारत का स्विट्जरलैंड” कहा था। यदि आप अपनी छुट्टियाँ प्रकृति के साथ शांतिपूर्ण स्थान पर बिताना चाहते हैं, तो आपके लिए अच्छा विकल्प है।  अगर आपको अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान में दिलचस्पी  है तो संग्रहालय का दौरा भी कर सकता है।

घूमने का सही समय

मार्च से जून इस समय यहां का मौसम सुखद रहता है इस समय भी यहां का तापमान 11°C – 25°C रहता है। अक्टूबर-फरवरी मैं पहाड़ बर्फ से ढकी रहती है इस समय पहाड़ बहुत खूबसूरत दिखता है। जून से अगस्त का समय यहां जाना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है पहाड़ी रास्ता होने के कारण मानसून में भूस्खलन हो सकता है और सड़क अवरुद्ध हो सकती है।

कैसे पहुंचे

Kosani Mountain View

कोसानी उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में अल्मोडा से लगभग  52 किमी की दूरी है। नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है यहाँ से कोसानी लगभग 132 किमी की दूरी पर आप बस या शेयरिंग टैक्सी ले सकते हैं। नजदिकी एयरपोर्ट पंतनगर एयरपोर्ट है यहां से लगभग 162 किमी की दूरी पर है। आईएसबीटी आनंदविहार दिल्ली से सीधे संपर्कियों के लिए बस चलती है या फिर नैनीताल, अल्मोडा आदि जगह से भी बस ले सकते हैं।

रुद्रधारी झरना और गुफाएं

rudradhari cave and temple

रुद्रधारी झरना और गुफाएं कोसानी शहर से 12 किमी दूर हैं। कंतानी गांव से 2 किमी के ट्रेक के बाद यहां पहुंचें। 150 फीट ऊंचाई से गिरता हुआ झरना चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है इसके पास प्राकृतिक गुफाएं भी हैं माना  जाता है कि यहां भगवान शिव का निवास था। झरने के पास सोमेश्वर मंदिर भी स्थित है। इस ट्रेक में  हिम तेंदुए, कस्तूरी हिरण और नीली भेड़ जैसे जानवरों को देख सकते हैं। 

अनाश्क्ति आश्रम

Anasakti-Ashram-Kausani

अनाश्क्ति आश्रम गांधी जी को समर्पित है। ये कोसानी शहर में ही स्थित है। महात्मा गांधी जी कोसनी में 14 दिन रहे थे यहां उन्हें अनासक्ति योग नाम की किताब लिखी थी। इस आश्रम में पर्यटक ठहर सकते हैं यहां एक पुस्तकालय है जिसमें गांधी जी से संबंधित बहुत सारी पुस्तकें और ग्रंथ रखे गए हैं।जो पर्यटक यहां रुकते हैं उन्हें यहां के नियमों का पालन करना पड़ता है जैसे सुबह शाम की प्रार्थना में उपस्थित रहना, मास- मदिरा आदि का सेवन न करना। यहां से चौखंबा, नीलकंठ, नंदा घुंटी, त्रिशूल, नंदा देवी, नंदा खाट, नंदा कोट और पंचचुली शिखर दिखाई देते हैं।

लक्ष्मी आश्रम

लक्ष्मी आश्रम कोसानी शहर से 1 किमी की दूरी पर स्थित है। इस आश्रम की स्थापना सरला बहन ने की थी। यहाँ गरीब और अनाथ लड़कियाँ रहती है और पढ़ती हैं। उनके कौशल पर काम किया जाता है। यहाँ लड़कियों को स्‍वेटर, दस्‍ताने, बैग और छोटी चटाइयां आदि बनाना सिखाते हैं

चाय बागान

Tea Garden

चाय बागान कोसानी पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र है। देवदार के पेड़ों से घिरे ये चाय बागान बहुत खूबसूरत लगते हैं। यहाँ पर्यटक चाय के बारे में जानकारी ले सकता हूँ और चाय भी खरीद सकते हैं | यहां की चाय यूएसए, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया जर्मनी में एक्सपोर्ट होती है।

सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय

कोसानी का सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय सुप्रसिद्ध कवित्री सुमित्रानंदन पंत को समर्पित है। उनका जन्म कोसानी में हुआ था यहीं उनका बचपन बीता था जिस घर में वो रहती थी उस घर को म्यूजियम बना दिया है। उनके दैनिक उपयोग की चीजें, पुरस्कार, उनके द्वारा लिखित पुस्तकें व उन पर लिखे गए पुस्तक और लेख सुरक्षित रखे गए हैं। रविवार और सार्वजनिक छुट्टियों पर बंद रहता है, यहां का प्रवेश टिकट वयस्कों के लिए 20 रुपये और बच्चों के लिए 10 रुपये है।

स्टारगेट वेधशाला

स्टारगेट वेधशाला एक निजी वेधशाला है। आप टेलीस्कोप के माध्यम से चंद्रमा, ग्रहों, तारा समूहों, गैलेक्सियों और निहारिकाओं को देख सकते हैं | स्पेस और खगोल विज्ञान संग्रहालय का भ्रमण कर सकते हैं | 

मॉल रोड

मॉल रोड पर आप शॉपिंग कर सकते हैं यहां से हाथ से बुने हुए ऊनी शोल, नॉच, बावली, टॉपियां आदि खरीद सकते हैं। साथ में यहां के कुमाऊंनी शॉल एम्पोरियम से हाथ के बने हुए शॉल खरीद सकते हैं।

कोसानी – भारत का स्विट्जरलैंड

कोसानी में कुमाऊंनी भोजन का स्वाद ले सकते हैं साथ ही यहां के अचार, शहद, मंडुवा का आटा, लाल चावल आदि भी प्रसिद्ध हैं जो आप खरीद सकते हैं

दोस्तों और परिवार के साथ यहां का सफर ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण हो सकता है, बच्चों के लिए स्टारगेट वेधशाला काफी इंटरसेस्टिंग हो सकती है।

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